देश पर मंडराता कोयला संकट ! क्या ठप हो जाएगी बिजली ?

क्या सच में देश पर कोयला संकट मंडरा रहा है ? या राजनीतिक दल इस पर अपनी चुनावी रोटी सेंकने की कोशिश कर रहे हैं ? जी हां, इन दिनों देश पर मंडरा रहा कोयला संकट एक बड़ा मुद्दा बन गया है….जिसे लेकर एक के बाद एक केंद्र सरकार पर निशाना साधते नजर आ रहे हैं…..

वहीं, राजनीतिक बयानों के चलते सियासी पारा भी बढ़ गया है ,,,,,,,इसी कड़ी में बीते दिन ऊर्जा मंत्रालय ने बयान जारी कर दावा किया कि 25 सितंबर से लेकर 10 अक्टूबर तक दिल्ली में डिमांड के मुताबिक बिजली की सप्लाई हुई है…जबकि दिल्ली सरकार का कहना है कि बिजली उत्पादन कंपनियों के साथ जितनी बिजली की सप्लाई का करार किया गया है वो उसकी आधी ही सप्लाई कर पाई है…. जिस कारण दिल्ली को गैस से महंगी बिजली बनानी पड़ रही है और साथ ही पावर एक्सचेंज से महंगे रेट पर बिजली खरीदनी पड़ रही है

इस बीच दिल्‍ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन का बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने एक निजी चैनल के साथ बातचीत के दौरान बड़ा बयान जारी करते हुए कहा कि ‘दिल्ली वालों को 5 रुपये की चीज 25 रुपये में खरीदने पड़ रही है….साथ ही उन्होंने कहा कि दिल्ली वाले 25 रूपये यूनिट बिजली कितने दिन तक खरीद पाएंगे?

गौरतलब है कि आमतौर पर बिजली साढ़े पांच रुपये से 6 रुपये प्रति यूनिट पड़ती है… लेकिन गैस वाली बिजली 23 से 24 रुपए यूनिट पड़ रही है.’ ,,,,ऐसे में ये कहा तक संभव है कि जनता इस बिजली के लिए अपनी जेबें खाली करना चाहेगी ??

करीब से जानते हैं कि क्या है ये कोयला संकट ??????
जिससे हर तरफ त्राहि त्राहि मची हुई है। दरअसल बिजली की कमी के चलते पंजाब के तीन थर्मल पावर स्टेशन बंद हो गए हैं। केरल में चार और महाराष्ट्र में 3 थर्मल पावर स्टेशनों का भी यही हाल है। इन सबकी वजह है कोयले की कमी….दिल्ली में भी अब बिजली संकट गहराने लगा है और बिजली बंद मीटर चालू रहने वाली स्थिति बनी हुई है तमाम राज्य कोयला ना होने की दुहाई दे रहे हैं।

वहीं केंद्र सरकार की तरफ से जो बातें सामने आ रही हैं उससे लग रहा है जैसे सब कुछ ठीक है। ,,,लेकिन अब सवाल ये उठता है कि क्या सबकुछ वाकई ठीक है ? या फिर ये भी एक जुमला है ? ,,,,,,,,,,,,केंद्र सरकार के मुताबिक कोयले की कमी तो है ही नहीं। ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अब सवाल ये है कि जब कोयला पर्याप्त मात्रा में है तो राज्यों को कमी क्यों हो रही है…..

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